भारत-माल्टा सहयोग से विदर्भ में औद्योगिक और पर्यटन विकास को नई उड़ान
एआईडी और माल्टा प्रतिनिधिमंडल के बीच द्विपक्षीय साझेदारी पर व्यापक विमर्श
नागपुर, 16 जून 2025 — भारत की वैश्विक कूटनीतिक रणनीतियों को सशक्त बनाते हुए, एसोसिएशन फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (AID), नागपुर द्वारा विदर्भ क्षेत्र में औद्योगिक और पर्यटन सहयोग की संभावनाओं को लेकर माल्टा गणराज्य के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक ऐतिहासिक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास, निवेश और विकास के साझा संकल्प की प्रतीक बनी।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आईओडीआर (Order of Diplomatic Relations) के गवर्नर जनरल प्रो. डॉ. लेलो मारा ने किया, जिनके साथ अंतरराष्ट्रीय सचिव इंजी. मार्सेलो पाट्टी तथा प्रतिनिधि डॉ. अफजल मिता उपस्थित रहे। इस विशेष अवसर की मेजबानी AID के अध्यक्ष श्री आशिष काले एवं उपाध्यक्ष श्री गिरधारी मंत्री ने की।
यह पहल केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी की परिकल्पना को具 साकार करती है, जिनका उद्देश्य है विदर्भ को वैश्विक निवेश, नवाचार और औद्योगिक समृद्धि का केंद्र बनाना। बैठक में पर्यावरणीय सेवाएं, रक्षा उत्पादन, प्लास्टिक एवं पैकेजिंग, खाद्य प्रसंस्करण, और आईटी-बीपीएम जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में विदर्भ की क्षमता का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया गया।
साथ ही, पर्यटन के क्षेत्र में विदर्भ की अनूठी पहचान को रेखांकित किया गया — जहां छह टाइगर प्रोजेक्ट्स, खिंडसी झील में साहसिक पर्यटन केंद्र, समृद्धि महामार्ग व कार्गो रेल कनेक्टिविटी, और लक्ज़री रिसॉर्ट्स विदर्भ को भारत के सबसे आकर्षक गंतव्यों में बदलने की ओर अग्रसर हैं। इस क्षेत्र में कृषि, ग्रामीण, सांस्कृतिक और इको-टूरिज्म की अद्भुत संभावनाओं ने भी प्रतिनिधिमंडल को प्रभावित किया।
बैठक में रिसॉर्ट डेवलपमेंट, डिजिटल टूरिज्म प्लेटफॉर्म, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान, और समुद्री व साहसिक पर्यटन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। यह संवाद केवल व्यापारिक अवसरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग की नींव भी रखता है।
इस अवसर पर माल्टा से श्री सॅबॅतिनी और श्री मोल्टिसँटी सर्जिओ, AID के मानद सचिव डॉ. विजय कुमार शर्मा, एग्रोविजन के श्री रवि बोराटकर, तथा कार्यकारी समिति के अन्य सदस्यगण भी उपस्थित रहे, जिनकी सक्रिय सहभागिता ने संवाद को और भी समृद्ध बनाया।
यह ऐतिहासिक बैठक न केवल विदर्भ में निवेश और रोजगार के नए द्वार खोलेगी, बल्कि भारत-माल्टा संबंधों को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम सिद्ध होगी।
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