मोदी–पुतिन मुलाकात के बीच अमेरिका ने कहा – भारत संबंध “21वीं सदी का परिभाषित रिश्ता”
नई दिल्ली/बीजिंग, 1 सितम्बर
चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भेंट की। इसी दौरान नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भारत–अमेरिका संबंधों को “21वीं सदी का परिभाषित रिश्ता” बताया।
अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि भारत और अमेरिका की साझेदारी लगातार नए आयाम प्राप्त कर रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के हवाले से कहा गया, “दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता सहयोग की नींव है और यही हमें आर्थिक साझेदारी की नई संभावनाओं की ओर ले जाती है।”
व्यापारिक तनाव के बीच संदेश
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मतभेद बने हुए हैं। अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाया है, वहीं रूस से आयातित तेल पर भी 25 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाया गया है। इसके बावजूद दोनों देशों ने हाल ही में हुए “2+2 संवाद” में रक्षा सहयोग को और मजबूत करने तथा 10 वर्ष की नई रक्षा साझेदारी पर चर्चा की।
ऊर्जा और रक्षा पर जोर
व्यापारिक तनाव के बावजूद अमेरिका ने ऊर्जा और रक्षा सहयोग को गहराने की प्रतिबद्धता दोहराई है। अमेरिका भारत को कच्चे तेल और एलएनजी की आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ “मेजर डिफेंस पार्टनरशिप” को नए स्तर पर ले जाने की योजना बना रहा है।
वैश्विक संतुलन की झलक
अमेरिका ने स्पष्ट किया कि मतभेदों के बावजूद भारत उसके लिए अहम वैश्विक साझेदार है।
भारत एक ओर रूस और चीन से रिश्ते सुदृढ़ कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका से भी गहरे संबंध बनाए रख रहा है।
यह घटनाक्रम भारत की बहुध्रुवीय कूटनीति और वैश्विक शक्ति संतुलन की तस्वीर पेश करता है।
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