📰 ओबीसी को राजनीति से वंचित रखने की साज़िश नाकाम — मुख्यमंत्री फडणवीस
अब चुनाव होंगे 27% आरक्षण के अनुसार | नागपुर
लोकमत न्यूज नेटवर्क | नागपुर, 20 अक्टूबर 2025
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पिछली ठाकरे सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण का पक्ष सही तरीके से नहीं रखा, जिसके कारण चुनावों में ओबीसी का आरक्षण रद्द हो गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह ओबीसी समाज को राजनीति से वंचित रखने की एक सुनियोजित साज़िश थी।
फडणवीस ने कहा, “हमारी सरकार ने अदालत में मज़बूती से पक्ष रखा और खोया हुआ 27% ओबीसी आरक्षण फिर से बहाल किया। विपक्ष की साज़िश को हमने नाकाम कर दिया। अब राज्य में होने वाले चुनाव 27% आरक्षण के तहत ही होंगे।”
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मराठा समाज को न्याय देते हुए ओबीसी समाज के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।
🗣️ “हमने लड़ाई लड़ी, जेल गए” — मंत्री बावनकुळे
महसूल मंत्री और नागपुर के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने कहा कि पिछली ठाकरे सरकार की वजह से ओबीसी आरक्षण समाप्त हुआ था।
“हमने ओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलन किया। ठाकरे सरकार ने हम पर मामले दर्ज किए और जेल भेजा। अब हम उन मामलों से निर्दोष साबित हुए हैं,” उन्होंने कहा।
बावनकुळे ने आश्वस्त किया, “जब तक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हैं, ओबीसी आरक्षण को कोई नुकसान नहीं होगा।”
उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं और यह भ्रम फैला रहे हैं कि 2 सितंबर का जीआर (सरकारी आदेश) और हैदराबाद गज़ट से ओबीसी आरक्षण पर असर पड़ेगा — लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा।
“जो सच्चा कुणबी है, सिर्फ उसी को प्रमाणपत्र मिलेगा,” उन्होंने स्पष्ट किया।
उन्होंने आगे कहा कि जातिगत जनगणना की बात कई बार हुई, लेकिन पहले किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई। अब मोदी सरकार ने यह सर्वे कराने का निर्णय लिया है — यह हमारी ठोस नीति का हिस्सा है।
🏛️ महाज्योती की नई प्रशासकीय इमारत का भूमिपूजन
मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों महात्मा जोतिबा फुले संशोधन व प्रशिक्षण संस्था (महाज्योती) की सात मंज़िला भव्य इमारत का भूमिपूजन रविवार को सदर स्थित नियोजन भवन के पास किया गया।
इस अवसर पर महसूलमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, इतर मागास बहुजन कल्याणमंत्री तथा महाज्योती के अध्यक्ष अतुल सावे, वित्त और नियोजन मंत्री, राज्यमंत्री अॅड. आशिष जयस्वाल, पंकज भोयर, सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधायक डॉ. परिणय फुके, चरणसिंह ठाकूर, आशिष देशमुख और अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में “महाज्योतीच्या यशोगाथा” पुस्तिका का प्रकाशन भी किया गया।

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