घरेलू गैस सिलेंडर जनजागरूकता अभियान को देशभर में अभूतपूर्व प्रतिसाद — नागरिकों व प्रशासन की ऐतिहासिक भागीदारी से बनी नई मिसाल

Khozmaster
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घरेलू गैस सिलेंडर जनजागरूकता अभियान को देशभर में अभूतपूर्व प्रतिसाद — नागरिकों व प्रशासन की ऐतिहासिक भागीदारी से बनी नई मिसाल

| 16 जुलाई 2025 — घरेलू गैस सिलेंडरों के अवैध एवं जोखिमभरे उपयोग पर रोक लगाने और नागरिकों में सुरक्षित, विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति जागरूकता निर्माण हेतु ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन द्वारा प्रारंभ किए गए राष्ट्रव्यापी अभियान को देशभर से अत्यंत सकारात्मक, उत्साहवर्धक और प्रेरणादायी प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।

10 जून 2025 से आरंभ इस जागरूकता पहल के पहले चरण में 8 राज्यों के 64 जिलों में अभियान का सफल संचालन किया गया। इस दौरान 2,700 से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने गांव-गांव, शहर-शहर पहुंचकर घर-घर जनजागरण किया। उनके माध्यम से लगभग 4500 लाख नागरिकों तक यह संदेश प्रभावी रूप से पहुंचाया गया कि घरेलू गैस सिलेंडर का नियमबद्ध उपयोग न केवल सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य है, बल्कि यह राष्ट्रीय संसाधनों की रक्षा का दायित्व भी है।

अभियान के अंतर्गत नागरिकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितीन सोलंके को हजारों ज्ञापन सौंपते हुए घरेलू गैस सिलेंडरों के व्यावसायिक उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की। ये ज्ञापन देशभर के हज़ारों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में वितरित किए गए, ताकि जनमानस का स्वर प्रत्यक्ष रूप से नीति-निर्माताओं तक पहुंचे।

प्रत्येक जिले में इस अभियान की औपचारिक शुरुआत जिला आपूर्ति अधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा तहसीलदार के करकमलों से की गई, जो शासकीय तंत्र की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है। प्रशासनिक सहयोग और जनमानस के समर्पित सहभाग से यह अभियान न केवल सफल रहा, बल्कि एक प्रेरणादायी सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ग्रहण कर चुका है।

संस्थान की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती राशी मेश्राम ने जानकारी दी कि इस उत्साही प्रतिसाद को देखते हुए अभियान को अगले 60 दिनों तक और विस्तारित किया जा रहा है। साथ ही, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सोलंके के मार्गदर्शन में अब यह अभियान शेष 13 राज्यों में भी आरंभ किया जाएगा, जिसके अंतर्गत 10 से 12 लाख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों तक जनजागरूकता पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस राष्ट्रव्यापी मुहिम के माध्यम से निश्चित ही घरेलू गैस सिलेंडरों के गैरकानूनी उपयोग, अग्निकांड जैसी दुर्घटनाओं और सरकारी राजस्व के नुकसान पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। यह अभियान केवल एक जनजागरूकता प्रयास नहीं, बल्कि सुरक्षित भारत और जिम्मेदार नागरिकता की ओर एक सशक्त, संगठित और दूरगामी पहल है।

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