कोल इंडिया को बचाने मजदूर संघ का महासंकल्प — 50 साल से देश को ऊर्जा देने वाली कंपनी को ठेकेदारी से बचाने उठी आवाज

Khozmaster
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कोल इंडिया को बचाने मजदूर संघ का महासंकल्प — 50 साल से देश को ऊर्जा देने वाली कंपनी को ठेकेदारी से बचाने उठी आवाज

नागपुर:

कोयला मजदूरों की सबसे बड़ी आवाज अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई) ने कोल इंडिया और कोयला उद्योग के भविष्य को लेकर बड़ा संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है। नागपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी,बीएमएस विदर्भ मंत्री गजानन गटलेवार, फेडरेशन कोषाध्यक्ष जयंत आसोले, डब्ल्यूसीएल वेलफेयर बोर्ड के ए.पी. सिंह, बीएमएस उपमहामंत्री आशीष मूर्ति और विदर्भ मीडिया प्रभारी सुरेश चौधरी ने एक सुर में कहा — “कोल इंडिया बचेगी तो देश चलेगा!”

50 वर्षों की सेवा, फिर भी संकट में कोल इंडिया!

नेताओं ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से कोल इंडिया देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने वाली रीढ़ रही है। आने वाले 50 वर्षों तक कोयले की मांग खत्म होने वाली नहीं है। बावजूद इसके कोल इंडिया, सिंगरेनी और नेवेली लिग्नाइट जैसी कंपनियों में गलत नीतियों के चलते कर्मचारियों की संख्या तेजी से घटाई जा रही है।

कभी 6.5 लाख से ज्यादा स्थायी कर्मचारी थे — आज सिर्फ 2 लाख रह गए हैं। बाकी काम ठेके पर, आउटसोर्सिंग पर और एमडीओ (माइन डेवलपर ऑपरेटर) के भरोसे चल रहा है। इसके चलते गरीब ठेका मजदूरों का शोषण हो रहा है — कम वेतन, न इलाज की सुविधा, न पक्का मकान और न ही सामाजिक सुरक्षा!

कोल इंडिया चले तो गांव चले, शहर चले, बाजार चले!

नेताओं ने कहा — “कोल इंडिया सिर्फ एक कंपनी नहीं है, बल्कि कोयला क्षेत्र के आसपास बसे लाखों गांव, व्यापारी और उद्योग इसी पर निर्भर हैं। अगर कोल इंडिया कमजोर हुई तो मजदूर से लेकर ग्रामीण, दुकानदार से लेकर छोटे उद्योग सब तबाह हो जाएंगे।”

जनआंदोलन से सरकार को झकझोरने का संकल्प!

अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ ने ऐलान किया है कि अब चुप नहीं बैठेंगे। मजदूरों की हकमारी, ठेकेदारी का जंगलराज और निजीकरण की चालों को हर हाल में रोका जाएगा। इसके लिए चरणबद्ध जनजागरण और आंदोलन का खाका तैयार है।

📌 प्रमुख मांगे:

✅ नियमित कर्मचारियों की भर्ती तत्काल शुरू हो

✅ कोयला उत्पादन में 50% भागीदारी स्थायी कर्मचारियों की हो

✅ ठेका मजदूरों को HPC वेतन, सामाजिक सुरक्षा, आवास और बोनस मिले

✅ खदानों में सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन हो

✅ CMPF को मजबूत किया जाए, EPF की तर्ज पर न्यूनतम पेंशन ₹10,000 हो

✅ मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल बनें, रिटायर कर्मियों को कैशलेस इलाज मिले

✅ महिलाओं के लिए अलग शौचालय, के्रच और सुरक्षा इंतजाम हों

✅ MDO/आउटसोर्सिंग पर लगाम लगे

✅ भूमि अधिग्रहण पॉलिसी में समानता हो

✅ प्रमोशन पॉलिसी में सुधार और समय पर पदोन्नति सुनिश्चित हो

✅ सभी यूनिटों में समान सदस्यता सत्यापन और चेक ऑफ सिस्टम लागू हो

🚩 चरणबद्ध आंदोलन की योजना:

📍 24 जुलाई 2025: सभी खदानों व मुख्यालयों पर गेट मीटिंग

📍 5 से 14 अगस्त: गांव-गांव जनजागरण अभियान

📍 25 अगस्त से 5 सितंबर: नुक्कड़ सभा, पब्लिक मीटिंग, प्रेस कॉन्फ्रेंस

📍 15 सितंबर: सभी क्षेत्रीय मुख्यालयों पर एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन

नेताओं की मजदूरों और जनता से अपील:

“यह लड़ाई सिर्फ मजदूरों की नहीं, देश के विकास की है। मजदूर, ग्रामीण, व्यापारी, विस्थापित — सभी से आह्वान है कि पिट मीटिंग से लेकर धरना तक हमारा साथ दें। कोल इंडिया को बचाना होगा, तभी देश ऊर्जा से रोशन रहेगा!”

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