कलियुग में संगठन ही सबसे बड़ी शक्ति है” — सत्यानारायण नंदलाल नुवाल का विदर्भ से विकास का शंखनाद

Khozmaster
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“कलियुग में संगठन ही सबसे बड़ी शक्ति है” — सत्यानारायण नंदलाल नुवाल का विदर्भ से विकास का शंखनाद

CII के मंच से दिया दूरदर्शी विचारों का संदेश

📍 नागपुर | India@100 – Charting Vidarbha’s Journey to a Developed India कार्यक्रम में Solar Industries Ltd. के चेयरमैन और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सत्यानारायण नंदलाल नुवाल ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से न सिर्फ श्रोताओं को प्रेरित किया बल्कि विदर्भ के भविष्य की दिशा भी स्पष्ट की।

🚩 “संगठन से बड़ी कोई शक्ति नहीं हो सकती”

> “कलियुग में यदि कोई सर्वोच्च शक्ति है, तो वह है संगठित सोच और संगठित प्रयास। सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब किसी भी देश की मजबूती की रीढ़ बन चुके हैं – और इसे अब नकारा नहीं जा सकता।”

नुवाल ने वैश्विक शक्ति-संतुलन की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो देश आज विश्व मंच पर अग्रणी हैं, वे आर्थिक और रक्षा प्रौद्योगिकी में शीर्ष पर हैं।

🎓 “भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं, कमी है सही प्लेटफॉर्म की”

> “हमारे देश में प्रतिभा और समर्पण की कोई कमी नहीं है। लेकिन अफ़सोस की बात है कि हम पोलैंड जैसे छोटे देशों से भी पीछे हैं – क्योंकि हम अपने युवाओं को वह मंच नहीं दे पा रहे जो उन्हें चाहिए।”

उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब समय है कि इंडस्ट्रीज को आगे आकर युवाओं को अपने हिसाब से तैयार करना होगा। शिक्षा को उद्योग से जोड़कर ही भारत वैश्विक स्पर्धा में अव्वल बन सकता है।

⛏️ “विदर्भ – खनिजों का खजाना और नेतृत्व का संगम”

> “विदर्भ की धरती पर आयरन ओर सहित असीम खनिज संपदा है। और हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस जैसे दूरदर्शी नेता हैं जो इस क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पबद्ध हैं।”

नुवाल ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि:

> “द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जापान खंडहर में बदल चुका था – लेकिन उन्होंने स्टील उत्पादन में अमेरिका को भी पछाड़ दिया। पहले वे गोवा से आयरन ओर मंगाते थे, बाद में ऑस्ट्रेलिया से – लेकिन आज दुनिया का सबसे बेहतरीन स्टील ‘Made in Japan’ है।”

🧠 “विचार ही व्यक्ति को गढ़ते हैं”

> “मनुष्य का चिंतन, उसकी सोच और उसका संकल्प – वही उसे बनाते हैं। हम जैसे सोचते हैं, वैसे ही बनते हैं। अगर हम सर्वश्रेष्ठ सोचें, तो हम सर्वश्रेष्ठ निर्माण कर सकते हैं – चाहे वो टेक्नोलॉजी हो या स्टील।”

उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से भी आज हम किसी भी क्षेत्र में ‘बेस्ट क्वालिटी’ हासिल कर सकते हैं – सवाल है सोच और दृष्टिकोण का।

🌟 “विदर्भ के लिए अब सबसे उपयुक्त समय”

“राजनीतिक समर्थन, संसाधन, प्रतिभा और नेतृत्व – सब कुछ हमारे पास मौजूद है। अब जरूरत है सिर्फ एक चीज़ की – दृढ़ इच्छाशक्ति की। और यह अवसर फिर नहीं लौटेगा।”

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