पटना:–कबीरपंथी आश्रम स्थित कबीर साईं मन्दिर मीठापुर में गुरूवारीय सत्संग का आयोजन किया गया इस अवसर पर सत्संग करते हुए महंत ब्रजेश मुनि महाराज ने कहा जीवन में सतगुरु का होना अत्यंत आवश्यक है, बिना उसके जीव की नैया पार नहीं हो सकती। श्रेष्ठ जीवन प्राप्त करके हमें मनुष्य तन मिला है, हमें जीवन किसलिए क्यों मिला क्या प्रयोजन है यदि यह प्रश्न मन में आए तो शुभ संकेत है। जीवन में गुरु मिले तो और भी शुभ संकेत है, बार-बार जन्मे और भोगों में लिप्त रहने के कारण ही मनुष्य ऊपर नहीं उठ पाता। गुरुओं में भी सबसे बढ़कर हैं सद्गुरु कबीर। उन्होंने कहा कि निषेध पर ही आकर्षण है मनुष्य को जो मना किया जाए ध्यान वहीं जाता है मन से लडऩा ठीक नहीं उसे समझाना चाहिए उसे दबाने से ज्यादा अच्छा उपाय खोजना है मन की गांठ साधना या एकांत में मौन बैठने से ही दूर हो सकती है क्रोध व कामना रूपी ऊर्जा का रूपांतरण कर जीवन को ऊपर उठाने में लगना चाहिए और इसके लिए जीवन में संत का होना अत्यंत आवश्यक है संत करुण से भरे होते हैं दुख की निवृत्ति के लिए प्रयासरत रहते हैं कबीर का प्राकट्य भी करुणा के कारण हुआ भवसागर से जीवो को दुखी देखकर कष्ट में देखकर कबीर का प्राकट्य हुआ। जीवन की सार्थकता को समझने के लिए यदि जाते समय मनुष्य के मन में संतुष्टि है तृप्ति है उसकी झलक मिलती है तो जीवन सफल है। इस अवसर पर भजन मंडली की रूबी देवी, रामदेव महतो एवं गजेंद्र झा ने कबीर एवं साईं भजन गाकर भक्ति भाव का अलख जगाया। इस अवसर पर आश्रम के संत विवेक मुनी, करसन मुनि, महेश मुनि ,डॉ इंद्रजीत कुमार, आदि उपस्थित थेआरती पश्चात भण्डारा प्रसाद का आयोजन किया गया
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