हिंगना औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों की स्थिति दयनीयप्रबंधन, ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा शोषणसंवाददाता हिंगना. स्थानीयऔद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों की इन दिनों दयनीय हालत है. कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है.यहां की कंपनियों में कामगारों को कभी भी निलंबित करना, यूनियन न बनने देना, कामगारों से पीएफ की राशि लेने के बाद भी पीएफ आफिस जमा न करना, उचित वेतन न देना जैसी अनेक शिकायतें मिल रही। कंपनी प्रबंधन के इस रवैए से सभी त्रस्त हैं.कंपनी में ठेका पद्धति से कामगारों का लगातार शोषण हो रहा है. कामगारों की बदहाली पर कोई ध्यान नहीं देता है. इन कंपनियों कीमनमानी की लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे कामगारों में भारी रोष है. कामगारों के मुताबिक इस संबंध में अधिकारियों को इससे अवगत कराया गया लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला. कामगारों के कल्याण का दावा करने वाली राजनीतिक पार्टियां भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. वे अपनी यूनियन बनाकर मजदूरों को अलग-अलग खेमे में बांटकर अपना फायदा उठा रही हैं. कुछ मजदूर नेता मालिक व मजदूर के बीच सेतु का काम कर रहे हैं. वे दोनों ओर अपना हित देख रहे हैं. यह नेता मजदूरों की एकता में फूट डालकर अपनी रोटी सेंकते है. हिंगना एमआयडीसी के मजदूरों की अजीबोगरीब स्थिति बनी है.
हिंगना औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों की स्थिति दयनीय प्रबंधन, ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा शोषण
तय वेतन से कम मिल रहा है
हिंगना एमआईडीसी की 2-4 कंपनियों को छोड़कर अधिकांश कंपनियों में तय वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है. साथ ही उनसे 12-12 घंटे काम लिया जा रहा है. साथ ही कई कंपनियों में अनाधिकृत ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का काम कंपनियां कर रही हैं. मजदूरों को डराकर उनसे काम लिया जाता है. ऐसे अनाधिकृत ठेकेदारों की ठेकेदारी कंपनी मालिक और कामगार अधिकारी की छत्रछाया होने से बेखौफ चल रही है. इन सभी के बीच मजूदरों का लगातार शोषण हो रहा है. इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है.
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