“प्रधानमंत्री आवास योजना” बनी नागरिकों के लिए ‘परेशानियों की बस्ती’ /. “नागरिक परेशान, नेता मस्त और प्रशासन सुस्त!”
दिनांक: 18 जून 2025 | नागपुर
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य था—गरीबों को सुरक्षित और सुसज्जित घर प्रदान करना। लेकिन नागपुर के तरोडी खुर्द, वाठोडा, दर्शन कॉलोनी, कामठी रोड और ऑटोमोटिव चौक जैसे क्षेत्रों में आज यही योजना नागरिकों के लिए सिरदर्द बन चुकी है।
जिन लोगों को इस योजना के अंतर्गत मकान मिले हैं, वे आज बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जी रहे हैं। प्रशासन की निष्क्रियता से त्रस्त नागरिकों ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर खुलकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उनका स्पष्ट कहना था—
“नागरिक परेशान, नेता मस्त और प्रशासन सुस्त!”
📌 मुख्य समस्याएं और माँगें (संक्षेप में):
🔴 खतरनाक एस.टी.पी. प्लांट:
तरोडी खुर्द में आवासीय इमारतों के सामने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है, जिससे गंदगी, दुर्गंध और बीमारियों का खतरा है। पुराना एस.टी.पी. भी पिछले तीन सालों से बंद पड़ा है, जिससे गंदा पानी खुले में बह रहा है।
🔴 ट्रांसफॉर्मर मकानों से सटे हुए:
बिजली के ट्रांसफॉर्मर घरों से बिल्कुल सटे हुए हैं। तेज बारिश या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। पहले भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।
🔴 लाभार्थियों का दुरुपयोग:
कई लाभार्थियों ने फ्लैट किराए पर दे दिए हैं, बेचे हैं या बंद रखे हैं। कुछ फ्लैट्स में अनैतिक गतिविधियाँ भी हो रही हैं।
🔴 बढ़ते कर्ज और आत्महत्याओं का खतरा:
गरीब नागरिक बढ़ते EMI नहीं चुका पा रहे हैं, और बैंकों की धमकियों से आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है। कुछ मामलों में आत्महत्याएं भी हो चुकी हैं।
🔴 पानी की कमी और घटिया बिजली फिटिंग:
24 घंटे पानी उपलब्ध नहीं है। फ्लैट्स की अंदरूनी और बाहरी बिजली फिटिंग बहुत ही खराब है, जिससे झटके और उपकरणों का नुकसान हो रहा है।
🔴 सुरक्षा की कमी:
सड़क लाइट्स बंद पड़ी हैं, चारदीवारी अधूरी है और अंधेरे का फायदा उठाकर चोरी, छेड़छाड़ और असामाजिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।
🔴 टूटी-फूटी सड़कें और गड्ढे:
सड़कों पर गहरे गड्ढे और खुले गटर हादसों को न्योता दे रहे हैं। मरम्मत की सख्त जरूरत है।
📢 नागरिकों की प्रमुख माँगें:
एस.टी.पी. प्लांट को हटाया जाए और सीवेज का समाधान निकाला जाए
ट्रांसफॉर्मर को नागरिकों से दूर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए
जिन लाभार्थियों ने फ्लैट्स का दुरुपयोग किया है, उन पर कार्रवाई हो
ईएमआई माफ की जाए और टैक्स में छूट दी जाए
24×7 पानी की सुविधा दी जाए
सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बिजली व्यवस्था हो
गली-गली में स्ट्रीट लाइट्स और सीमेंट रोड पर भी पथ प्रकाश की व्यवस्था हो
अधूरी वॉल कंपाउंड को फेंसिंग से पूरा किया जाए
एनआईटी और एनएमआरडीए यदि कार्य में अक्षम हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाए
👥 नागरिकों की एकजुट आवाज:
प्रेस कांफ्रेंस में विनोद मोहगांवकर, प्रसन्न तांबोले, विनायक दहीकर, हरिहर डुंभरे, शंकरराव मोरे, नीलिमा ढोबले, मनाली बावणे सहित कई स्थानीय रहवासी उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगें नहीं मानी गईं, तो व्यापक जनआंदोलन शुरू किया जाएगा।
👉 “यह योजना घर देने के लिए नहीं, बल्कि तकलीफ़ें देने वाली बन गई है!”
नागरिकों का यह दर्द अब पूरे शहर में गूंज रहा है।
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