मध्य भारत में पहली बार लिंग पुनर्निर्माण की दुर्लभ सर्जरी सफल — लता मंगेशकर अस्पताल, नागपुर में 9.5 घंटे में ऐतिहासिक ऑपरेशन
02 जुलाई 2025
नागपुर के हिंगना रोड स्थित लता मंगेशकर अस्पताल और एनकेपी साल्वे मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जनों की टीम ने चिकित्सा जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यहां राजस्थान के एक युवक का एक ही चरण में लिंग पुनर्निर्माण कर मध्य भारत की पहली दुर्लभ माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
युवक ने लगभग 8 वर्ष पूर्व कैंसर के कारण अपना लिंग खो दिया था। चिकित्सा विज्ञान की अद्वितीय प्रगति का उदाहरण बनते हुए, डॉक्टरों ने मरीज की ऊपरी भुजा से शाफ्ट और मूत्रमार्ग का निर्माण कर उन्हें जघन क्षेत्र में प्रत्यारोपित किया। इस जटिल प्रक्रिया में रक्त वाहिकाओं और नसों को जोड़ते हुए एक कार्यात्मक और संवेदनशील अंग निर्मित किया गया।
इस पूरी सर्जरी में 9.5 घंटे का समय लगा और इसे माइक्रोवैस्कुलर तकनीक की मदद से अंजाम दिया गया, जिसके लिए अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेटिव माइक्रोस्कोप की सुविधा उपलब्ध है।
डीन डॉ. सजल मित्रा ने इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम को बधाई दी और कहा,
> “यह सर्जरी सिर्फ तकनीकी कुशलता का परिचायक नहीं, बल्कि आशा और पुनर्जीवन का प्रतीक भी है।”
इस सराहनीय टीम में डॉ. जितेंद्र मेहता, डॉ. समीर महाकालकर, डॉ. अश्विनी पंडितराव, डॉ. देव पटेल, डॉ. अभिराम मुंडले, डॉ. कंवरबीर और डॉ. पल्लवी शामिल रहे। वहीं, डॉ. अंजलि भूरे, डॉ. मधुश्री शाह, डॉ. केतकी मरोड़कर, डॉ. रचना नैताम और डॉ. गुंजन की एनेस्थीसिया टीम ने इस चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी डीन डॉ. नितिन देवस्थले ने सर्जरी के दौरान आवश्यक सभी लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध कराई।
मरीज अब पूर्णतः स्वस्थ है और सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि लता मंगेशकर अस्पताल में आयुष्मान भारत और महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत ऐसी जटिल सर्जरियां और अन्य उपचार निःशुल्क किए जाते हैं।
यह उपलब्धि न केवल नागपुर के लिए, बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक नई मिसाल है — जिसमें विज्ञान, सेवा और संवेदना का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
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