🌙 ताजबाग में रोशन हुई रूहानी शाम
हजरत बाबा ताजुद्दीन रह.अ. के उर्स पर मौलाना फारूक राजवी की तक़रीर, हजारों ने सुनी मोहब्बत और अमन की बातें
नागपुर, 31 जुलाई – ताजबाग की फिजाओं में गुरुवार की रात रूहानियत घुल गई जब हजरत बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स के मौके पर एक भावपूर्ण तक़रीर का आयोजन किया गया। दरगाह के सामने, रौशनी से जगमगाते माहौल में, हर दिशा से आती सजे-संवरे जायरीन की भीड़ आस्था की मिसाल बन गई।
मुख्य वक्ता के रूप में मंच पर विराजमान हुए शहर के जाने-माने इस्लामिक विद्वान मौलाना फारूक राजवी साहब, जिनकी दिल छू लेने वाली तक़रीर ने हर श्रोता को आत्मिक रूप से झंकृत कर दिया। उन्होंने बाबा ताजुद्दीन रह.अ. की करामातों को केवल चमत्कार नहीं, बल्कि पैगंबर मोहम्मद स.अ.व. की सीरत का सजीव प्रतिबिंब बताया।
“बाबा ताजुद्दीन रह.अ. का हर कदम इंसानियत को जोड़ने वाला था,” मौलाना राजवी ने कहा।
“उनकी तालीम ने हमेशा यह सिखाया — सच्चाई पर चलो, सबको अपनाओ, मोहब्बत बांटो।”
ताजबाग़ की गलियों में उस शाम मानो सूफियाना संगीत बह रहा था — इबादत की सरगर्मियों, अकीदतमंदों के सजदे और लबों पर दुआओं के साथ। पुरुष, महिलाएं, बुज़ुर्ग और युवा – हर उम्र के श्रद्धालु बाबा की दरगाह पर हाजिरी देने पहुंचे। इस मौके पर देश की सलामती, भाईचारे और अमन-चैन की दुआ मांगी गई।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
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हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के चेयरमैन श्री प्यारे जिया खान
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सचिव श्री ताज अहमद राजा
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उपाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र जिचकार
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ट्रस्टी हाजी फारूकभाई बावला, हाजी इमरान खान ताज़ी, मुस्तफाभाई टोपीवाला
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गजेंद्रपाल सिंह लोहिया
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खुद्दाम दरगाह कमेटी के अध्यक्ष सैयद मोबीन ताज़ी
📌 विशेष बात:
यह कार्यक्रम सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि एकता, सौहार्द और अध्यात्म की मिसाल बन गया। ताजबाग़ की रूहानी मिट्टी ने एक बार फिर मोहब्बत और अमन का पैगाम दिया।

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