जोधपुर में होगी अखिल भारतीय समन्वय बैठक, जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर होगी चर्चा

Khozmaster
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जोधपुर में होगी अखिल भारतीय समन्वय बैठक, जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर होगी चर्चा

जोधपुर, 04 सितम्बर :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से कार्यरत विभिन्न संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितम्बर 2025 तक जोधपुर के लालसागर में आयोजित की जा रही है।

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने आज पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि इस बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों के पदाधिकारी तथा महिलाओं के कार्य का समन्वय देखने वाली कार्यकर्त्रियां शामिल होंगी। कुल मिलाकर 320 कार्यकर्ता इस बैठक में भाग लेंगे।

बैठक में परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। इसके साथ ही सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबळे जी, सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णा गोपाल जी, सी.आर. मुकुंद जी, अरुण कुमार जी, रामदत्त चक्रधर जी, अतुल लिमये जी, आलोक कुमार जी तथा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

इस बैठक में विभिन्न संगठनों की वार्षिक कार्य-प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें पूरे वर्ष का अनुभव और उपलब्धियों का विवरण रहेगा। इसमें विशेष रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती और सक्षम (दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाला संगठन) का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।

बैठक में देश के विभिन्न क्षेत्रों की, विशेषकर पंजाब, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर गहन चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही पंच परिवर्तन विषयों पर भी विचार-विमर्श होगा –

  • सामाजिक समरसता

  • परिवार प्रबोधन

  • पर्यावरण अनुकूल जीवन

  • “स्व” आधारित संरचना

  • नागरिक कर्तव्य पालन

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए कार्यों का आकलन होगा तथा शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा देने पर मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही, जनजातीय समाज में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों की समीक्षा भी होगी।

बैठक में आगामी संघ शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा होगी। विशेष रूप से 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी से नागपुर से आरंभ होने वाला उत्सव, मंडल, ग्राम और बस्ती स्तर तक स्वयंसेवकों द्वारा गणवेश में मनाया जाएगा। शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पूरे देश में हिंदू सम्मेलन, गृह-संपर्क अभियान, सद्भाव बैठकें, प्रमुख नागरिक चर्चासत्र और युवा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

यह बैठक किसी निर्णय के लिए नहीं है, बल्कि चर्चा, अनुभवों के आदान-प्रदान और संगठनों के बीच बेहतर समन्वय का माध्यम है। यहाँ प्राप्त विचारों और प्रेरणा के आधार पर प्रत्येक संगठन अपने स्तर पर निर्णय लेकर अपनी दिशा तय करेगा। हाल ही में दिल्ली में आयोजित सरसंघचालक के कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में, समाज के प्रत्येक वर्ग तक संघ के विचार पहुँचाने की दिशा में यह बैठक एक महत्त्वपूर्ण अवसर है।

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