मोर्शी में सरकारी मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास 3 अगस्त को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे भूमि पूजन | सांसद डॉ. अनिल बोंडे के सतत प्रयासों को मिली सफलता

Khozmaster
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मोर्शी में सरकारी मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास 3 अगस्त को

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस करेंगे भूमि पूजन | सांसद डॉ. अनिल बोंडे के सतत प्रयासों को मिली सफलता

अमरावती (प्रतिनिधि): मोर्शी तालुका अब शैक्षणिक और ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। यहां सरकारी मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसका भूमिपूजन समारोह 3 अगस्त 2025 को आयोजित किया जा रहा है, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय श्री देवेंद्रजी फडणवीस विधिवत शिलान्यास करेंगे।

यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सांसद डॉ. अनिल बोंडे के वर्षों से किए जा रहे अथक प्रयासों का परिणाम है। सन् 2017 में, तत्कालीन विधायक रहते हुए डॉ. बोंडे ने इस महाविद्यालय की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र सौंपा था। इसके बाद 8 मार्च 2019 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में महाविद्यालय को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी गई थी। हालांकि, विधानसभा चुनाव और कोविड-19 महामारी के कारण इसकी प्रक्रिया स्थगित रही। लेकिन सन् 2022 में सांसद के रूप में डॉ. बोंडे ने फिर प्रयास तेज किए, जिसके परिणामस्वरूप 21 मार्च 2025 को संशोधित ₹202 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी गई।

महाविद्यालय के लिए 33 हेक्टेयर भूमि मत्स्य विभाग द्वारा हस्तांतरित की गई है, जहाँ छात्रों को प्रायोगिक प्रशिक्षण और अनुसंधान की सुविधा मिलेगी। साथ ही, 4.08 हेक्टेयर भूमि भवन निर्माण हेतु जलसंपदा विभाग से स्थानांतरित की गई है। 2025-26 सत्र से यह महाविद्यालय सिम्भोरा के पास स्थित अस्थायी भवन में शुरू किया जाएगा, जिसकी मरम्मत पूर्ण हो चुकी है।

विद्यार्थियों के लिए प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रारंभ है। प्रवेश की अंतिम तिथि 19 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। पहले वर्ष में 40 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। महाविद्यालय के लिए आवश्यक कर्मचारी पदों की संविदा नियुक्ति हेतु 17 जुलाई 2025 को शासन की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, जबकि स्थायी पदों को भी मंजूरी दी गई है। महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु ₹128 करोड़ की निधि स्वीकृत की गई है।

यह संस्थान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नीलकांति अभियान को बल प्रदान करेगा। पश्चिम विदर्भ की प्रचुर जलसंपदा – जैसे बांध, तालाब, खेत तालाब – का उपयोग करके मत्स्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे भोई समाज और अन्य मछुआरे समुदायों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, यह कॉलेज 500 लाख मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य भी पूरा करेगा।

राज्य में वर्तमान में केवल 3 मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय हैं – जिनमें से एक रत्नागिरी में कोकण विश्वविद्यालय के अंतर्गत, और दो नागपुर स्थित महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन हैं। अब मोर्शी में स्थापित होने वाला यह चौथा महाविद्यालय, पश्चिम विदर्भ के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

इस महाविद्यालय की स्थापना में जिन मान्यवरों का विशेष सहयोग रहा, उनमें प्रमुख हैं –

श्री सिद्धेश्वर मोकाशी (उप सचिव, महाराष्ट्र शासन),

आ. श्री उमेश उर्फ चंदू यावलकर (विधायक, मोर्शी),

श्री सुनील विजयराव सोमवंशी (कार्यकारी परिषद सदस्य, विश्वविद्यालय)।

शिलान्यास समारोह के प्रमुख अतिथि:

मुख्यमंत्री मान. श्री देवेंद्र फडणवीस

उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री अजितदादा पवार

उपमुख्यमंत्री एवं नगर विकास मंत्री श्री एकनाथ शिंदे

पशुपालन मंत्री श्रीमती पंकजा मुंडे

मत्स्य व्यवसाय मंत्री श्री नितेश राणे

दुग्ध विकास मंत्री श्री अतुल सावे

प्रधान सचिव, मत्स्य विभाग – डॉ. रामास्वामी

कुलपति, महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय – डॉ. नितीन पाटिल

मत्स्य व्यवसाय आयुक्त

अमरावती के माननीय सांसद व विधायकगण

विभागीय आयुक्त, अमरावती

जिलाधिकारी, अमरावती

मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद

विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद सदस्य, संचालक, अधिष्ठाता एवं अन्य मान्यवर

मोर्शी में स्थापित हो रहा यह महाविद्यालय स्थानीय मछुआरा समाज को आर्थिक सशक्तिकरण, युवाओं को तकनीकी शिक्षा, और तालुका के सर्वांगीण विकास की दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाने जा रहा है।

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