विदर्भ, कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र में 25-26 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी; बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की
मुंबई, 23 जुलाई – बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के कारण आगामी 25 और 26 जुलाई को विदर्भ, कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। विशेष रूप से पूर्वी विदर्भ – भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, नागपुर, वर्धा, अमरावती और यवतमाल जिलों में वर्षा का अधिक प्रभाव रहने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है।
इस मौसमी प्रणाली के प्रभाव से पूर्व विदर्भ और घाट क्षेत्रों में बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे नदियों और नालों में बाढ़ आने की आशंका है। साथ ही, नासिक, पुणे और सातारा जिलों के घाट क्षेत्रों और कोंकण के सभी जिलों में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
मौसम विभाग के प्राथमिक अनुमान के अनुसार, 26 जुलाई को वर्षा की तीव्रता सर्वाधिक रहने की संभावना है, और पश्चिम विदर्भ के जिलों में भी मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। वहीं मराठवाड़ा – विशेषकर पूर्व विदर्भ से लगे क्षेत्रों – में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
इस पृष्ठभूमि में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। नदी-नालों के किनारे न जाने, निचले इलाकों में अनावश्यक रूप से न घूमने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने पर विशेष जोर दिया गया है।
मौसम पूर्वानुमान सारांश:
25-26 जुलाई: पूर्व विदर्भ, कोंकण व घाट क्षेत्रों में मध्यम से मूसलाधार वर्षा
26 जुलाई: सबसे अधिक वर्षा की संभावना; बाढ़ व भूस्खलन का खतरा
अति संवेदनशील क्षेत्र: भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, नासिक, पुणे, सातारा, कोंकण के सभी जिले
सावधानी: बांधों व नदियों के किनारे बाढ़ की संभावना
राज्य प्रशासन सतर्क है और स्थानीय इकाइयों को आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सतर्क रहें।
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