डॉ. श्रुति सव्वालाखे की तेजस्वी उड़ान — ‘मिसेज इंडिया वन्स इन अ मिलियन’ प्रतियोगिता में प्रथम रनर-अप बनकर नागपुर का नाम रौशन किया
नागपुर | ४ जुलाई २०२५
आत्मविश्वास, रचनात्मकता और स्त्रीत्व की बहुआयामी गरिमा की भव्य अभिव्यक्ति करते हुए, नागपुर की प्रतिष्ठित सर्जन और उद्यमिता की प्रतीक डॉ. श्रुति नीरज सव्वालाखे ने हाल ही में दिल्ली के भव्य द लीला पैलेस में आयोजित ‘मिसेज इंडिया वन्स इन अ मिलियन’ सौंदर्य प्रतियोगिता में प्रथम उपविजेता (रनर-अप) का खिताब जीतकर पूरे नागपुर शहर को गौरव से आलोकित कर दिया। २६ से २९ जून तक चली इस भव्य प्रतियोगिता में देश भर के विभिन्न राज्यों से प्रतिभाशाली महिलाओं ने भाग लिया।
डॉ. सव्वालाखे ने राष्ट्रीय परिधान, संस्कृतिक प्रदर्शन, टैलेंट राउंड और व्यक्तित्व साक्षात्कार जैसी विविध परीक्षाओं में अपनी गहराई, गरिमा और आत्मबल से निर्णायकों का दिल जीत लिया। यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक आधुनिक भारतीय नारी की आत्मचेतना और सशक्तिकरण की प्रेरणादायक यात्रा का सजीव प्रमाण बन गया।
> “मेरे इस पूरे सफर की बुनियाद मेरे माता-पिता — प्रो. ज्योत्स्ना और डॉ. रवि चरडे — द्वारा दिए गए अटूट समर्थन और आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित थी,” डॉ. श्रुति नम्रता से कहती हैं। “उन्होंने बचपन से ही मेरी अंतर्निहित क्षमताओं को पहचानकर उन्हें पोषित किया और मुझे ऐसा मजबूत आत्मबल दिया जिससे मैं डॉक्टर, उद्यमी, माँ और अब राष्ट्रीय मंच पर खड़ी एक सौंदर्यविजेता — इन सभी रूपों में सामंजस्य के साथ खिल सकी।”
नागपुर में दो सफल अस्पतालों की स्थापना करने वाली डॉ. श्रुति, “जहाँ रोपण किया गया, वहीं खिलना है” — इस जीवनदर्शन की जीती-जागती मिसाल हैं। उन्होंने अपने चिकित्सकीय जीवन की सीमाओं से बाहर निकलते हुए अपनी सृजनशीलता और सौंदर्य की खोज के लिए इस मंच को चुना और वहाँ भी सफलता की ऊँचाइयाँ छू लीं।
> “एक स्त्री के भीतर सामाजिक, पारिवारिक और पेशेवर भूमिकाओं के मध्य संतुलन साधने की अद्भुत शक्ति होती है,” डॉ. सव्वालाखे कहती हैं। “मेरा अपना जीवन इसी संतुलन का उदाहरण है — मैं एक डॉक्टर के रूप में अपने कर्तव्यों का पूर्ण समर्पण से पालन करती हूँ, साथ ही अपने बेटे के पालन-पोषण में पूरी तरह समर्पित हूँ, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सफल शतरंज खिलाड़ी है।”
उनकी इस यात्रा में एक विशेष स्थान उनके जीवनसाथी, डॉ. नीरज सव्वालाखे का भी है। “उन्होंने हर कदम पर मुझे न सिर्फ समर्थन दिया, बल्कि मेरे आत्मविश्वास को नई उड़ान दी,” डॉ. श्रुति भावुक होकर कहती हैं। “उनका मुझ पर विश्वास ही मेरा सबसे बड़ा संबल बना।”
डॉ. सव्वालाखे ‘समग्र सशक्तिकरण की कला’ को अपने जीवन का मूलमंत्र मानती हैं। “एक सर्जन के रूप में, मैं केवल शरीर ही नहीं, आत्मा को भी सशक्त बनाना चाहती हूँ। मेरा गहरा विश्वास है कि आत्मविश्वास ही इस संसार को रूपांतरित करने का सबसे शक्तिशाली अस्त्र है,” वे दृढ़ता से कहती हैं।
> “मैं यहाँ हूँ — महिलाओं को प्रेरित करने के लिए, उन्हें उनकी अनंत संभावनाओं का भान कराने के लिए, और यह सिखाने के लिए कि जीवन के हर पहलू को गरिमा और आत्मविश्वास के साथ कैसे जिया जाए।”
> “मुझे विश्वास है कि सच्चा सौंदर्य चेहरे से नहीं, हृदय से झलकता है। यह हमारी करुणा, ईमानदारी और आत्मिक शुद्धता में निवास करता है — एक खुले हृदय, निर्मल आत्मा और सकारात्मक दृष्टिकोण में।”
नारी शक्ति के लिए संदेश
डॉ. सव्वालाखे समस्त महिलाओं को एक स्पष्ट और सशक्त संदेश देती हैं —
“स्वयं पर विश्वास कीजिए। दूसरों से तुलना मत कीजिए, क्योंकि सच्ची सुंदरता उस हृदय में बसती है जो खुद पर भरोसा करता है। मैं सदा कहती हूँ — उसे विश्वास था कि वह कर सकती है… और उसने कर दिखाया!”
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