📰 IIIT नागपुर में POSH अधिनियम पर जागरूकता सत्र का सफल आयोजन
कार्यस्थल पर गरिमा, सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त पहल
नागपुर, 1 अगस्त 2025 –
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नागपुर ने 1 अगस्त को “POSH अधिनियम के तहत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का अवलोकन” विषय पर एक सर्वांगीण और सशक्त जागरूकता सत्र का आयोजन किया। यह आयोजन न केवल संस्थान की कानूनी दायित्वों के प्रति सजगता को दर्शाता है, बल्कि उसकी नैतिक प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है कि प्रत्येक कर्मचारी और छात्र को एक सुरक्षित, गरिमामय और लैंगिक-संवेदनशील वातावरण प्रदान किया जाए।
इस कार्यक्रम का आयोजन IIIT नागपुर की आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee – ICC) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में दो प्रतिष्ठित वक्ता—अधिवक्ता मयुरी देशमुख, POSH विशेषज्ञ और वरिष्ठ कानूनी सलाहकार, एवं श्रीमती पल्लवी प्रमोद पडोले, उप निदेशक, वरदान (IAPA, नागपुर)—ने विशिष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया।
वक्ताओं ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की गहराई से व्याख्या करते हुए बताया कि यह कानून केवल एक कानूनी ढांचा नहीं, बल्कि कार्यस्थल की संस्कृति को मानवीय और समावेशी बनाने का औजार है।
🔍 POSH प्रशिक्षण: कार्यस्थल की रीढ़
सत्र के दौरान वक्ताओं ने यह विशेष रूप से रेखांकित किया कि POSH प्रशिक्षण एक संगठन की आंतरिक चेतना और नैतिक मूल्यों का परिचायक होता है। इसके माध्यम से—
-
कर्मचारियों और छात्रों को अपनी सीमाएं और अधिकार स्पष्ट होते हैं,
-
संगठन में विश्वास, पारदर्शिता और संवाद की संस्कृति विकसित होती है,
-
और संवेदनशीलता व सम्मान को संगठनात्मक मूल्यों में शामिल किया जाता है।
POSH प्रशिक्षण, कार्यस्थल को केवल सुरक्षित नहीं बनाता, वह उसे सम्मानजनक और सशक्तिकरणपूर्ण भी बनाता है — जहां हर व्यक्ति बिना भय, संकोच और भेदभाव के अपना योगदान दे सके।
👥 आयोजन की मुख्य व्यवस्थाएं
कार्यक्रम का संचालन ICC अध्यक्ष डॉ. कीर्ति दोरशेटवार के नेतृत्व में प्रभावशाली ढंग से हुआ। आयोजन को दिशा देने में संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. प्रेम लाल पटेल, रजिस्ट्रार श्री कैलास डाखले एवं एसोसिएट डीन डॉ. तौसीफ दिवान की प्रमुख भूमिका रही।
सत्र को सफल बनाने में ICC के समर्पित सदस्य—डॉ. वृंदा यादव, डॉ. शंकर भट्टाचार्य, डॉ. अमित शेवाले, कु. रीमा एन. डोंगरदीवे—और छात्र प्रतिनिधि—श्री संदीश चराटे, कु. सलोनी ददवे, एवं कु. दिया दास का सक्रिय सहयोग उल्लेखनीय रहा।
🎯 IIIT नागपुर: एक सशक्त संस्कृति की ओर
IIIT नागपुर ने इस जागरूकता सत्र के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल तकनीकी उत्कृष्टता तक सीमित नहीं, बल्कि समानता, गरिमा और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
संस्थान की यह पहल यह सन्देश देती है कि:
“सुरक्षा सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक और सामाजिक भी होती है। और एक प्रगतिशील संस्था वही है जो हर स्वर को सुनती है, हर अधिकार का सम्मान करती है।”
IIIT नागपुर का यह जागरूकता सत्र सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था—यह एक विचार था, एक दृष्टिकोण था, और उस संस्कृति की ओर एक ठोस कदम था, जहां ‘सम्मान’ किसी नीति में नहीं, बल्कि व्यवहार में झलकता है।
Users Today : 18