नागपुर : पत्नी और मामा की हत्या करने वाले पति को उम्रकैद
नागपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने पत्नी और मामा की हत्या के आरोप में जयंत यशवंतराव नाटेकर (उम्र 62 वर्ष, निवासी दत्तात्रय नगर, सक्करदरा) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उसे 10,000 रुपये का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर तीन महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। यह फैसला माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दिनेश सुराना ने 29 अगस्त 2025 को सुनाया।
मामला क्या था?
शिकायतकर्ता राजीव शंकरराव खनगन की बड़ी बहन मंजुषा नाटेकर (55) प्राथमिक विद्यालय में मुख्याध्यापिका थीं। उनके पति, आरोपी जयंत नाटेकर, कई वर्षों से नौकरी छोड़कर घर पर ही रहते थे। शिकायतकर्ता के मामा अशोक काटे (70) भी कुछ दिनों से मंजुषा के साथ उनके घर में रह रहे थे।
5 फरवरी 2020 को मंजुषा नाटेकर स्कूल नहीं पहुंचीं और उनका मोबाइल भी बंद था। इस पर शक होने पर शिकायतकर्ता उनके घर गए। फ्लैट बाहर से बंद था। शेज़ारियों की मदद से ताला खोला गया तो अंदर हॉल में मामा और बेडरूम में बहन मृत अवस्था में मिले। दोनों के गले पर दबाव के निशान और बहन की छाती पर धारदार हथियार के घाव पाए गए।
पड़ोसियों ने बताया कि 3 फरवरी 2020 को रात करीब 9:30 बजे मंजुषा और उनके पति जयंत नाटेकर के बीच जोरदार झगड़ा हुआ था। घरेलू विवाद के चलते आरोपी ने पहले मामा का गला दबाकर, फिर पत्नी का गला दबाकर और धारदार हथियार से वार कर दोनों की हत्या कर दी और घर को बाहर से बंद कर फरार हो गया।
जांच और सुनवाई
शिकायत पर सक्करदरा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया और आरोपी को 6 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच तत्कालीन पुलिस निरीक्षक अजीत सिद ने की और आरोप पत्र अदालत में पेश किया।
सरकारी पक्ष की ओर से एडवोकेट आसावरी परसोडकर ने पैरवी की, जबकि आरोपी की ओर से एडवोकेट के. एन. शोभने ने पक्ष रखा। कोर्ट पैरवी अधिकारी सफौ. सुरेंद्र रौराळे और महिला पुलिस अधिकारी शिल्पा इटनकर ने भी कामकाज संभाला।
👉 सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी जयंत नाटेकर को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई।
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