एयरटेल बिज़नेस को भारतीय रेलवे सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (IRSOC) की बहुवर्षीय कॉन्ट्रैक्ट मिला

Khozmaster
3 Min Read

एयरटेल बिज़नेस को भारतीय रेलवे सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (IRSOC) की बहुवर्षीय कॉन्ट्रैक्ट मिला

नई दिल्ली, अक्टूबर 2025:
भारत की अग्रणी डिजिटल सेवाओं की कंपनी एयरटेल बिज़नेस ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को भारतीय रेलवे सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (IRSOC) से एक बहुवर्षीय अनुबंध प्राप्त हुआ है, जिसके तहत एयरटेल बिज़नेस भारतीय रेलवे के डिजिटल नेटवर्क और आईटी बैकबोन की सुरक्षा के लिए एक अत्याधुनिक, मल्टी-लेयर्ड साइबर सिक्योरिटी सिस्टम डिज़ाइन, बिल्ड, इम्प्लीमेंट और ऑपरेट करेगा।

यह पहल भारतीय रेलवे को चौबीसों घंटे (24x7x365) एक सुरक्षित डिजिटल ऑपरेशन सुनिश्चित करेगी, जिससे देश के सबसे बड़े सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क का डेटा, सिस्टम और उपयोगकर्ता जानकारी साइबर खतरों से सुरक्षित रहेगी। इस प्रोजेक्ट से 1 अरब से अधिक भारतीयों को लाभ मिलेगा, क्योंकि टिकट बुकिंग, पेमेंट, ट्रेन ट्रैकिंग और अन्य डिजिटल सेवाएँ अब और अधिक सुरक्षित एवं विश्वसनीय होंगी।

भारतीय रेलवे, जो प्रतिदिन 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करता है और 2 करोड़ यात्रियों को सेवाएँ प्रदान करता है, अब एयरटेल बिज़नेस की एआई-सक्षम और मेक इन इंडिया साइबर सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी के तहत अपने विशाल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूती प्रदान करेगा। एयरटेल का सिस्टम 26 लोकेशनों पर फैले 1,60,000 कर्मचारियों और लाखों डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

शरत् सिन्हा, सीईओ और डायरेक्टर – एयरटेल बिज़नेस, ने कहा,

“साइबर खतरों के इस दौर में डेटा इंटीग्रिटी और संचालन की निरंतरता को सुरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है। हमें भारतीय रेलवे के इतने विशाल और जटिल डिजिटल नेटवर्क को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी मिलना गर्व की बात है। हमारी उन्नत सिक्योरिटी लेयर रेलवे के टिकटिंग और डेटा मैनेजमेंट सिस्टम की सुरक्षा दक्षता को नई ऊँचाई पर ले जाएगी।”

वहीं, दिलीप कुमार, EDI(P) – रेलवे बोर्ड, ने कहा,

“भारतीय रेलवे में डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बढ़ती निर्भरता के चलते साइबर सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। IRSOC एक केंद्रीकृत सुरक्षा संचालन केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जो रेलवे की संपत्तियों की निगरानी, खतरे का पता लगाने और निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

एयरटेल सिक्योर के इस आर्किटेक्चर में शामिल प्रमुख विशेषताएँ हैं —

  • यूनिफाइड कम्प्लायंस एंड विज़िबिलिटी: 26 से अधिक लोकेशंस पर केंद्रीकृत मॉनिटरिंग और रियल-टाइम डैशबोर्ड।

  • एडवांस्ड एंडपॉइंट प्रोटेक्शन: एआई-सक्षम एंडपॉइंट डिटेक्शन और रिस्पॉन्स, जिससे हर डिवाइस पर सुरक्षा सुनिश्चित।

  • रोबस्ट पैच एंड वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट: 1.9 लाख से अधिक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर संसाधनों की रियल-टाइम निगरानी।

  • नेक्स्ट-जेन मॉनिटरिंग: मशीन लर्निंग आधारित थ्रेट एनालिटिक्स, जिससे खतरे की पहचान मात्र 20 सेकंड में।

  • थ्रेट इंटेलिजेंस और डार्क वेब मॉनिटरिंग: संभावित साइबर खतरों की सक्रिय पहचान।

  • मजबूत नेटवर्क और एक्सेस कंट्रोल: फायरवॉल, राउटर और एमपीएलएस नेटवर्क पर उन्नत सुरक्षा उपाय।

इस साझेदारी से भारतीय रेलवे को एक सेंट्रलाइज़्ड, ऑटोमेटेड और एआई-ड्रिवन साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क मिलेगा, जो भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भविष्य के साइबर खतरों से सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

0 8 9 4 5 2
Users Today : 18
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *