असफलता अंत नही है : यह सफलता की शरुुआत है, जो बाधाओं को सफलता की सीढ़ियों में बदल देती है: रश्मि सामंत

Khozmaster
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असफलता अंत नही है : यह सफलता की शरुुआत है, जो बाधाओं को सफलता की सीढ़ियों में बदल देती है: रश्मि सामंत

IIIT नागपुर ने 13 जनवरी 2025 को स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस
को उत्साह और उमंग के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में भारत के भविष्य को आकार देने में युवा
सशक्तिकरण और नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
स्टूडेंट्स यूनियन की पहली भारतीय अध्यक्ष और “ए हिंदू इन ऑक्सफोर्ड” और “राम जन्मभूमि –
इंस्पिरेशन फॉर हिन्दू रिसर्जेंस” की लेखिका सुश्री रश्मि सामंत मौजूद थीं। सुश्री सामंत ने “विकसित
भारतः अमृत काल में युवा नेतृत्व की भूमिका” विषय पर एक प्रेरक व्याख्यान देते हुए विकसित
भारत के लिए अमृत काल में युवा नेतृत्व के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युवाओंको स्वामी
विवेकानंद के निस्वार्थता, साहस और दृढ़ संकल्प के आदर्शों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित
किया। सुश्री सामंत ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “असफलता अंत नहीं है; यह सफलता की
शुरुआत है, जो बाधाओं को सीढ़ियों में बदल देती है ।” उन्होंने छात्रों से विकास के अवसर के रूप
में चुनौतियों को स्वीकार करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे
भारतीय युवाओं में अपने उद्यमशीलता कौशल, रचनात्मकता, नवाचार और सामाजिक कल्याण के
प्रति प्रतिबद्धता का उपयोग करके वैश्विक नेता बनने की क्षमता है। इस कार्यक्रम को निदेशक
डॉ. प्रेमलाल पटेल, कुलसचिव श्री कैलास डाखले, सहयोगी डीन डॉ. तौसीफ दीवान, मूलभूत विज्ञान
विभागप्रमुख डॉ. प्रसाद जोशी और इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (IIC) के अध्यक्ष डॉ. आतिश दरियापुरकर का समर्थन और मार्गदर्शन मिला।

मूलभूत विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर श्री  विक्रांत ढेंगे ने कार्यक्रम का नेतृत्व और समन्वय किया। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन श्रीआर्य पंधारे और श्री सार्थक गुप्ता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन श्री अमूल्य यादव ने किया।
IIIT नागपुर में राष्ट्रीय युवा दिवस के इस आयोजन ने राष्ट्र को उज्जवल भविष्य की ओर ले
जाने में युवा नेताओं की परिवर्तनकारी भूमिका को अधोरेखित किया।

 

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